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हरियाणा CET पोर्टल विवाद पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आज! जानें पूरा मामला

चंडीगढ़: हरियाणा ग्रुप C की सीईटी (CET) भर्ती के लिए पंजीकरण पोर्टल को दोबारा खोलने, संशोधन का मौका देने और गलती से गलत श्रेणी में रजिस्ट्रेशन करने वाले अभ्यर्थियों को सुधार का अवसर देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर आज पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। इस याचिका में मांग की गई है कि सरल पोर्टल पर तकनीकी कारणों से जिन अभ्यर्थियों के OBC या BCA प्रमाण पत्र नहीं बन पाए, उन्हें अपनी श्रेणी में सुधार का मौका दिया जाए।

क्या है मामला?
हजारों अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने समय पर आवेदन किया था, लेकिन प्रमाण पत्र न बनने की वजह से उन्हें अनारक्षित (UR) कैटेगरी में आवेदन करना पड़ा। इनमें से कई SC, BCA, BCB, EWS और OBC वर्ग से संबंधित थे। अब जब भर्ती प्रक्रिया में आगे बढ़ने की बात है, तो वे इस त्रुटि की वजह से बाहर हो सकते हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर उन्हें सुधार का मौका नहीं मिला, तो उनका भविष्य अधर में लटक जाएगा।

सरकार ने दिए संकेत?
सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है कि पोर्टल को दोबारा खोला जाएगा। विभाग का रुख साफ है कि जब एक बार समय सीमा निकल चुकी है, तो इसे दोबारा खोलना उचित नहीं होगा। हालांकि, कोर्ट इस याचिका पर क्या निर्णय देता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

हाईकोर्ट में क्या दलीलें दी जाएंगी?
याचिकाकर्ता वकील कोर्ट में दलील देंगे कि यह मामला तकनीकी मजबूरी का है, जिसमें अभ्यर्थी की गलती नहीं है, बल्कि सरकारी सिस्टम के कारण उन्हें गलत श्रेणी में आवेदन करना पड़ा। ऐसे में यदि इन्हें सुधार का मौका नहीं दिया गया तो यह उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा।

ग्रुप डी रिजल्ट भी नहीं आया
एक अन्य खबर के अनुसार, ग्रुप D के 7596 पदों का रिजल्ट अब तक जारी नहीं किया गया है, जबकि कई महीने पहले परीक्षा हो चुकी है और स्क्रूटनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर ग्रुप D के परिणामों को रोके हुए है, ताकि नए सिरे से सीईटी कराकर ग्रुप C और D दोनों को एक साथ पूरा किया जा सके।

क्या उम्मीद करें अभ्यर्थी?
हाईकोर्ट की सुनवाई आज होनी है और इसी में तय होगा कि सरकार को पोर्टल दोबारा खोलने का निर्देश मिलेगा या नहीं। अगर कोर्ट का रुख सहानुभूतिपूर्ण होता है, तो बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को राहत मिल सकती है। फिलहाल सभी की नजरें अदालत के फैसले पर टिकी हैं।

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